मुझे एक बात समझ में आई, वो एक कहावत है न, इंतज़ार में आँखें पथराना, वो , वो कहावत समझ में आ गई. क्यों आई, ये बेकार कि बात है , आ गई ये ध्यान देने कि बात है। तो चलो देर आए, दुरुस्त आए। पर ये नही समझ में आया, कि जब आँखें पथरा ही गई फिर क्या? उसके बाद क्या? उसके बाद का कहावत में नही लिखा, उसके बाद का मुझे अभी समझ नही आया, पथरा गई तो इंतज़ार ख़तम हो गया क्या? या सदा सदा के लिए अब इंतज़ार में ही रहेंगी?
बड़ी nonsense कि सी बात है जी। i am waiting for you implies that you have to show up, eventually, after an x period in time, but if you never show up then is it still technically wait? is it not an entirely new state of being?
वो मान साहब ठीक कह गए हैं जी, तुस्सी औना नहीं किसे ने सान्नू लौना नहीं......
I think i am finally going to read waiting for godot, i have been scared $&*#less of that one, but, its time....
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