Saturday, December 20, 2008

main - part 3

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मैं नज़र नज़र में ढूँढू जिसको
मैं साँस साँस में गूथूँ जिसको
मैं कृष्ण बना कर पूजूँ जिसको
उस
आराध्य, चिर अनंत असाध्य से
फिर मिलने का
सुराग भी तो हूँ ख़ुद मैं ही....

मैं
मैं वो ...

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